प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों का होगा एडमिशन, शिक्षा विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन

 जिले के 219 पंजीकृत निजी विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत गरीब बच्चों का 25 फीसदी सीटों पर ऑनलाइन नामांकन किया जा रहा है। इसको लेकर निजी विद्यालयों के लिए कुछ गाइडलाइन जारी की गई है। जिसका अनुपालन करते हुए निजी विद्यालयों में गरीब बच्चों का नामांकन करना है।

  • ऑनलाइन नामांकन के लिए पंजीकर



  • ण 26 दिसंबर से 25 जनवरी तक होगा।
  • पंजीकृत विद्यार्थियों का सत्यापन 30 दिसंबर से 10 फरवरी तक होगा।
  • सत्यापित विद्यार्थियों को विद्यालय का आवंटन 15 फरवरी को किया जाएगा।
  • चयनित बच्चों का नामांकन अगले वर्ष 16 फरवरी से 28 फरवरी तक होगा।
इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी सुमन शर्मा ने बताया कि निजी विद्यालयों में प्रारंभिक कक्षा में बच्चों की कुल संख्या के कम से कम 25 फीसदी तक कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन किया जाना है।

प्रक्रिया को पारदर्शी एवं प्रभावी रूप से लागू करने के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा पोर्टल विकसित किया गया हैं। बच्चों के नामांकन की कुल संख्या, कमजोर वर्ग व अलाभकारी समूह के बच्चों के नामांकन के लिए निर्धारित सीट की सूचना पोर्टल पर अपलोड होगी।

सभी कागजातों की जांच होगी

निजी विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अपने बच्चों का नामांकन कराने वाले अभिभावकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जिसमें छह विद्यालयों में नामांकन के लिए विकल्प मिलेगा।
नामांकन संबंधी कागजातों की जांच पोर्टल पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी करेंगे। पोर्टल के माध्यम से आधार कार्ड व अन्य प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी।

प्राप्त आवेदनों के प्रथम विकल्प के आधार पर सीट का आवंटन किया जाएगा। विद्यालय में उपलब्ध सीट से अधिक नामांकन के लिए आवेदन प्राप्त होने पर पोर्टल पर बच्चों का चयन रेंडमली की जाएगी।

निर्धारित संख्या में बच्चों का नामांकन नहीं होने की स्थिति में इस प्रक्रिया को एक से अधिक बार किया जा सकेगा। पोर्टल पर नामांकित बच्चों के आधार पर पीएफएमएस से निजी विद्यालयों को भुगतान होगा।

बच्चों के लिए सरकार देती है खर्च

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कमजोर वर्ग के बच्चों का निजी विद्यालयों में नामांकन लिए जाने का प्राविधान है। निजी विद्यालय में 25 प्रतिशत सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित रहती हैं। उनके पढ़ाई का पूरा खर्च प्रदेश और केंद्र सरकार मिलकर निर्वहन करती है।

RTI के तहत बच्चे का नामांकन होने के बाद बच्चों को स्कूल में ना तो फीस देनी होती है और ना ही यूनिफार्म किताब ट्रांसपोर्ट एवं अन्य फीस का भुगतान करना होता है। जिन निजी विद्यालयों को स्वीकृति प्रदान की गई है उन्हें शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत बच्चों को मुक्त शिक्षा उपलब्ध कराना है।

इन मानकों पर होगा नामांकन

शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में ऐसे अभिभावक जिनकी वार्षिक आय एक लाख से कम है उनके बच्चों का प्रवेश होता है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति पिछड़ा वर्ग, अनाथ बच्चे, शारीरिक रूप से दिव्यांग कमजोर वर्ग के बच्चे किसी भी निजी विद्यालय में नामांकन पाने के हकदार होते हैं।

RTI के तहत निजी स्कूल जिले के शिक्षा अधिकारी को मान्यता के लिए स्वघोषणा पत्र भरकर देते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के आवेदन आने पर उन्हें नामांकन दिया जाता है। अब नई व्यवस्था से विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आनलाइन नामांकन होगा।

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